Friday, 24 June 2011

मेरा भी तो मन करता है

- डा० जगदीश व्योम
मेरा भी तो मन करता है
मैं भी पढ़ने जाऊँ
अच्छे कपड़े पहन
पीठ पर बस्ता भी लटकाऊँ

क्यों अम्मा औरों के घर
झाडू-पोंछा करती है
बर्तन मलती, कपड़े धोती
पानी भी भरती है

अम्मा कहती रोज
`बीनकर कूड़ा-कचरा लाओ'
लेकिन मेरा मन कहता है
`अम्मा मुझे पढाओ'

कल्लन कल बोला-
बच्चू! मत देखो ऐसे सपने
दूर बहुत है चाँद
हाथ हैं छोटे-छोटे अपने

लेकिन मैंने सुना
हमारे लिए बहुत कुछ आता
हमें नहीं मिलता
रस्ते में कोई चट कर जाता

डौली कहती है
बच्चों की बहुत किताबें छपती
सजी- धजी दूकानों में
शीशे के भीतर रहतीं

मिल पातीं यदि हमें किताबें
सुन्दर चित्रों वाली
फिर तो अपनी भी यूँ ही
होती कुछ बात निराली।।

1 comment:

  1. Bahut Pyari Rachana.
    TRILOK SINGH THAKURELA,
    Bunglow No. L- 99,
    Opp.Railway Colony,
    ABU ROAD -307026
    (RAJASTHAN )

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