Friday 24 June 2011

कोयल



- त्रिलोक सिंह ठकुरेला
मीठे-मीठे बोल सुनाती
फिरती डाली-डाली
सब का ही मन मोहित करती
प्यारी कोयल काली ।

बाग-बाग में पेड़-पेड़ पर
मधुर स्वरों में गाती
रूप नहीं, गुण प्यारे सबको,
सबको यह समझाती ।

मीठी-मीठी बातें कहकर
सब कितना सुख पाते
मीठी-मीठी बातें सुनकर
सब अपने हो जाते ।

कहती कोयल प्यारे बच्चो
तुम भी मीठा बोलो
प्यार भरी बातों से तुम भी
सब के प्यारे हो लो ।

1 comment:

  1. कहती कोयल प्यारे बच्चो
    तुम भी मीठा बोलो
    प्यार भरी बातों से तुम भी
    सब के प्यारे हो लो ।

    ReplyDelete