Friday 28 October 2016

दीपावली का है त्योहार

सारंग सारांश चलो बाजार
दीपावली का है त्योहार
सजे हुए हैं हर घर द्वार
दीपों की हर ओर कतार
यह देखो बच्चों की फौज
करती फिरती कितनी मौज
चला हवाई छुटा अनार
चले पटाखे बारम्बार
डिंपल होकर के तल्लीन
सुलगाती माचिस रंगीन
फुलझड़ियों में रंग अनेक
मग्न हुआ बच्चा हर एक
लक्ष्मी जी से एक सवाल
करता हूँ मैं तो हर साल
धन की तो देवी है आप
ले सकती थीं आप जहाज
या ले लेतीं बढ़िया कार
उल्लू पर क्यों चढ़ती आप
उल्लू पर क्यों चढ़ती आप।।

-डा० संजय चतुर्वेदी
[दीपावली की बहुत सारी शुभकामनाएँ]

[डा० संजय चतुर्वेदी दिल्ली के शिक्षा विभाग में उप शिक्षा निदेशक (जोनल) हैं। बाल साहित्य पर उन्होंने पहली बार बाल कविता लिखी है। दीपावली पर लिखी डा० संजय जी की पहली बाल कविता का स्वागत करें।]

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