टिन्नी के पापा टिन्नी को खूब खूब समझाएं
अंग्रेजी, विज्ञान, गणित की पुस्तक रोज पढ़ाएं
टिन्नी कहती, पापा मुझको कला बहुत है भाती
पल भर में ही कितने सारे सुन्दर चित्र बनाती
पापा कहते अच्छा है, पर अभी पढ़ो विज्ञान
मन मसोस कर रह जाती है नन्ही सी वह जान
जैसे तैसे पास किया उसने अपना स्कूल
अब विज्ञान गणित विषयों को जाना चाहे भूल
पापा चाहें इंजीनियरिंग कॉलेज पढ़ने जाए
टिन्नी को पर फाइन आर्ट्स का कॉलेज ही ललचाये
इसी बात पर टिन्नी के घर होती रोज लड़ाई
छोटी सी यह बात मगर पापा को समझ न आई
इंजीनियरिंग कॉलेज में टिन्नी अब दिन भर रोती
पापा से भी बातचीत टिन्नी की कम ही होती
फेल हो गई टिन्नी अब तो मन ही मन घबराए
तभी एक दिन पापा उसके कॉलेज चलकर आए
हाल देखकर टिन्नी का अब दुखी हुए हैं पापा
डांट पड़ेगी खूब सोचकर टिन्नी का मन कांपा
पर पापा ने बहुत प्यार से उसको गले लगाया
और उसी क्षण कॉलेज से बस उसका नाम कटाया
अब जो भी मन होगा उसका टिन्नी वही पढ़ेगी
अपने मन चाहे रंगों की दुनिया खूब गढ़ेगी ll
-प्रदीप शुक्ल
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