Wednesday 14 February 2018

मिट्ठू और मिंकू

राम चरित मानस
पढ़ता था
दिन में मिट्ठू तोता
लेकिन सुबक सुबक कर मिट्ठू
रात रात भर रोता

मिंकू
विद्यालय से लौटा
खेल रहा फ़ुटबाल
मिट्ठू की पिंजरे में केवल
तीन कदम की चाल

मिंकू दौड़े खेतों में
मिट्ठू पिंजरे में होता

मिट्ठू के
बचपन का साथी
बैठा हुआ मुंडेर
रहा देखता मिट्ठू उसको
जाने कितनी देर

रोज रात को सपने में
मिट्ठू पेड़ों पर सोता

और एक दिन
मिट्ठू जब
बैठा था बहुत उदास
मिंकू को उसके दुक्खों का
हुआ तभी अहसास

पिंजरा खुला लगाए मिट्ठू
अब खुशियों का गोता

-प्रदीप शुक्ल


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